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चंदे का चक्कर

hamari soch
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प्रिय बंधुओ मेरे अग्रज आप सभी को सबसे पहले मेरा प्रणाम ये मेरा पहला ब्लॉग है तो बहुत सी गलतियां होंगी पर आप लोग अपना छोटा भाई समझ कर मुझे
माफ़ कर दीजियेगा मेरा पहला ब्लॉग है तो इसमें मै आपके समक्ष कुछ ब्यंग ही पेस करूँगा ये मेरा ब्लॉग दो प्रेमात्माओ को (नाम नहीं लूँगा पर आप लोगों को बाद में बताऊंगा ) ,परम पिता परमेस्वर,मेरी पूजनीय श्रीमती डॉ.जसवंत सोखी मैडमजी (ignou नयी दिल्ली )और मेरे प्यारे मम्मी पापा और सूरज को समर्पित है ओह सायद
आपलोग बोर हो रहे है खैर छोटा भाई हूँ न! तो इतना तो हक बनता है, न माफ़ कर दीजियेगा आज मै अपलोगो के लिए सिर्फ कुछ हलके फुल्के ब्यंग ही लिखूंगा और मेरे आनेवाले ब्लोगों में कुछ मार्मिकता भी रहेगी /खैर शुरू करता हूँ

***चंदे का चक्कर ******

चलिए आज इस युग के सबसे लोकप्रिय धनोपार्जन तकनीक पर बात करते है !ये हर जगह हर समय कारन हो न हो लिया जाता है
ये बन्दा धार्मिक प्रकृति का है तो वह तो होना ही है, देश ने शिक्षा का अधिकार लागु कर दिया है तो इनकी पहुँच वहाँ भी हो गयी है
ये मेडिकल कॉलेज तकनिकी कॉलेज और तमाम कालेजों में लिया जाता है और ये सबके जुबान पर छाए रहते है लोकप्रिय है न!
अरे!आप नहीं समझे चंदा नाम है इनका वैसे कई पर्यायवाची सब्द भी है जैसे दान अरे सॉरी हाँ इंग्लिश का जमाना है तो ये भला क्यों पीछे रहे
सो इनका इंग्लिश नाम डोनेसन है जी
आपने देखा होगा चंदे के नाम पर क्या क्या नहीं होता कभी मंदिर निर्माण के लिए, तो कभी पार्टी फंड के लिए तो कभी धर्म के नाम पर
आम आदमी की हालत क्या होती है, ये आम आदमी जो अपनी दो वक़्त की रोटी के लिए ही परेसान रहता है उससे ये चंदे वाले साम-दाम -दंड -भेद
कर मनमर्जी चंदा ले ही लेते है लेकिन कभी आपने सुना है की कोई सामाजीक कार्य हेतु चंदा लिया गया किसी चिकित्सालय ,अनाथ आलय या व्र्रिद्धा आश्रम
निर्माण में लिया गया हो और हम ऐसे कामो के लिए चंदा हो सकता है न भी, दे क्युकी हम तो इस्वर के भक्त है! न की ईस्वर के संतानों के ,ये तो बड़ी बात हो गयी हम तो मुहाल्ला में अगर नगर पालिका का नल ख़राब हो तो सरकार की आशा करते है की कब बनाएगा इसमें तो सहयोग नहीं देते है
खैर आपने चंदा उगाही करने वाले लडको को देखा है ये दबंग टाइप होते है, है न ?
आपने देखा होगा सार्वजानिक पूजा कमेटी वालो को ये किस तरह राह चलते लोगो से चंदा लेते है ये चंदे के नाम पर ट्रक वाले बस वालो के साथ मार पीठ तक करते है साईकिल सवारों को भी नहीं छोड़ते, हद तो तब हो जाती है जब अम्बुलेंस और मय्यत ले जरी गाड़ी से भी येही करते है
मै आप लोगों से माफ़ी चाहता हु हमारे एक भगवान् है जो की बानर रूपी मानव है और बहुत माहान है उनका तो मजाक बना कर रख दिया है कभी नाली के बगल में तो कही कचरे के ढेर के पास ओह! बेचारे कितनी कस्ट में होते है संकट मोचन जी खुद संकट में घिर जाते है और फिर होता है वोही मंदिर निर्माण हेतु चंदा
प्रिय मित्रो और मेरे पथ प्रदर्सको आगे मै चंदे के और स्वरूपों पर लिखूंगा आपको मेरी पहली रचना कैसी लगी आपलोगों के कमेंट्स और राय की मुझे बेसब्री से इन्तेजार रहेगा और हां अपने इस छोटे भाई को असिर्वाद देना न भुलियीगा और अंत में मेरी दो प्रेमात्माओ जो की मेरे पथ प्रदर्सक है उन्हें भी जाते जाते प्रणाम और सप्रेम
आप सबो का बिनीत
सुप्रियो

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